
महाकुंभ नगर । Maha Kumbh 2025: बालीवुड अभिनेत्री रहीं ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। इसके विरोध में किन्नर अखाड़े के संस्थापक सदस्य रहे ऋषि अजय दास ने आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
उन्होंने शुक्रवार को लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को अखाड़े से निष्कासित करने की घोषणा कर दी। कहा कि आचार्य महामंडलेश्वर के पद से उनको मुक्त किया जाता है। दूसरी ओर लक्ष्मी नारायण का कहना है कि अजय दास पैसे का गबन करने पर 2017 से ही अखाड़े से निष्कासित हैं। उन्हें इसका अधिकार नहीं है। जूना अखाड़े के संत भी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के पक्ष में हैं।
‘पद मिलने के बाद वह कर्तव्यपथ से भटक गईं’
अजय दास ने दिगंबर अनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कंप्यूटर बाबा के शिविर में शुक्रवार को पत्रकारवार्ता आयोजित की। उन्होंने कहा कि उज्जैन कुंभ में 2015 में किन्नर अखाड़े की स्थापना करके मेरे द्वारा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर नियुक्त किया गया। पद मिलने के बाद वह कर्तव्यपथ से भटक गईं।
धर्म के बजाय अपनी ख्याति के लिए काम करने लगीं। मेरी सहमति के बिना 2019 के प्रयागराज कुंभ में जूना अखाड़ा से लिखित अनुबंध कर लिया जो अनैतिक है। लक्ष्मी ने देशद्रोह मामले में लिप्त अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बना दिया। इसमें संन्यास परंपरा का पालन नहीं किया गया, उनका मुंडन भी नहीं कराया।
इसके चलते ममता को भी पदमुक्त करना पड़ रहा है। अखाड़े के गठन के साथ संन्यासियों को वैजयंती माला गले में धारण कराई गई थी, जो श्रृंगार का प्रतीकात्मक है, उन्होंने उसे त्यागकर रुद्राक्ष की माला धारण कर ली जो संन्यास का प्रतीक है। संन्यास बिना मुंडन संस्कार के मान्य नहीं होता।

क्या कहा जूना अखाड़े ने
किन्नर संन्यासियों का अखाड़ा है। उसमें कोई दास नहीं लिखता। सब नंद गिरि लिखते हैं। लक्ष्मी नारायण का नाम भी लक्ष्मी नारायण नंद गिरि है। अजय दास से हमारा कोई संपर्क नहीं है। वह किन्नर अखाड़ा में कार्रवाई करने के अधिकारी नहीं हैं। अगर किसी के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी तो जूना अखाड़ा व किन्नर अखाड़ा करेगा, बाहरी व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता। – महंत हरि गिरि, संरक्षक जूना अखाड़ा व महामंत्री अखाड़ा परिषद
