राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन, लखनऊ के एसजीपीजीआई में ली अंतिम सांस

लखनऊ। अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का आज लखनऊ के एसजीपीजीआई में निधन हो गया। अस्पताल ने इसकी पुष्टि की है। उन्हें 3 फरवरी को एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था और स्ट्रोक आने के बाद वह न्यूरोलॉजी वार्ड एचडीयू में थे। पीजीआई निदेशक डाॅक्टर आरके धीमान के मुताबिक, […]

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महाकुंभ 2025 में फ़िल्म इंडस्ट्री छोड़कर ममता कुलकर्णी ने ली दीक्षा, किन्नर अखाड़ा ने पट्‌टाभिषेक कर बनाया महामंडलेश्वर

प्रयागराज। बॉलीवुड अभिनेत्री रहीं ममता कुलकर्णी को अब किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने अपने संन्यासी जीवन की शुरुआत संगम के तट पर बसे 45 दिनों के अलौकिक संसार ‘महाकुंभ’ से की है। शुक्रवार को ममता कुलकर्णी प्रयागराज पहुंची, उन्होंने अपना पिंडदान किया और संन्यास की दीक्षा ली। अब वह यामाई […]

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सुनी हो गई भट्टयाँण, नर्मदालीन हुए ‘संत सियाराम’

सियाराम मय तैली भट्याण ● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्यप्रदेश के खरगोन जिले की कसरावद तहसील में एक छोटा-सा गाँव है तैली भट्यांण। वैसे तो यह गाँव नर्मदा के तट पर प्राकृतिक सौंदर्य से आह्लादित है किन्तु इस गाँव की प्रसिद्धि देश-विदेश में होने का महत्त्वपूर्ण और एकमात्र कारण हैं संत सियाराम बाबा।कुछ 60-70 वर्ष […]

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महाराष्ट्र की शान ‘पंढरपुर उत्सव’

यह महाराष्ट्र का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव है पांडुरंग विष्णु तथा शिव का एकरूप है, इसीलिए यह तीर्थक्षेत्र महान माना जाता है। इसे दक्षिण काशी भी कहा जाता है। भक्तगण इस प्रेम से भू -बैकुंठ अर्थात पृथ्वी पर श्री हरि विष्णु भगवान के निवास का स्थान कहते हैं। प्रत्येक वर्ष पंढरपुर में देवशयनी ग्यारस या […]

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मध्यप्रदेश की प्रथम किन्नर श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर बनी संजना सखी

भोपाल। संपूर्ण भारत में प्रख्यात समाजसेवी, एक्टीविस्ट, स्टेट इलेक्शन आइकन, सनातन धर्मरक्षक मंगलामुखी किन्नर संजना सिंह राजपूत पौष पूर्णिमा 13 जनवरी को प्रयाग राज महाकुंभ में अपने अनुयायियों के साथ छावनी प्रवेश किया। महाकुभ में अर्द्धनारीश्वर धाम सेक्टर 8, नंबर 64 में विश्व की प्रथम जगतगुरु किन्नर हिमांगी सखी जी के सानिध्य में पूजा अर्चना, […]

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अध्यात्म जीवन

आध्यात्मिक का मतलब है, भौतिक से परे चीज़ों का अनुभव करना. यह किसी धर्म, संप्रदाय, या फ़िलॉसफ़ी से जुड़ा नहीं है. आध्यात्मिकता, भारतीय संस्कृति का हिस्सा रही है. आध्यात्मिक व्यक्ति, दुनिया के भौतिक पहलुओं से परे जीवन, अस्तित्व, और उद्देश्य को समझता है

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