महाकुंभ 2025 में फ़िल्म इंडस्ट्री छोड़कर ममता कुलकर्णी ने ली दीक्षा, किन्नर अखाड़ा ने पट्‌टाभिषेक कर बनाया महामंडलेश्वर

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प्रयागराज। बॉलीवुड अभिनेत्री रहीं ममता कुलकर्णी को अब किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने अपने संन्यासी जीवन की शुरुआत संगम के तट पर बसे 45 दिनों के अलौकिक संसार ‘महाकुंभ’ से की है।

शुक्रवार को ममता कुलकर्णी प्रयागराज पहुंची, उन्होंने अपना पिंडदान किया और संन्यास की दीक्षा ली। अब वह यामाई ममता नंद गिरी कहलाएंगी। किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी है। इससे वह अखाड़े की साध्वी के रूप में जानी जाएंगी।किन्नर अखाड़े के आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उन्हें दीक्षा दी है। पट्टाभिषेक के बाद ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की पदवी दी गई और उनको नया नाम श्री यामाई ममता नंद गिरि दिया गया। ममता अब इसी नाम से जानी जाएंगी। इसके पहले उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें में उन्होंने बताया कि साध्वी बनने के बाद वे संगम, काशी और अयोध्या की यात्रा करेंगी।

Prayagraj: Kinnar Akhara’s Acharya Mahamandaleshwar Laxmi Narayan Tripathi and others perform rituals as former actor Mamta Kulkarni is being consecrated as a mahamandaleshwar during the ongoing Maha Kumbh Mela 2025, in Prayagraj, Friday, Jan. 24, 2025. (PTI Photo)(PTI01_24_2025_000468A)

23 वर्ष से हूँ सन्यासिन: ममता
ममता कुलकर्णी ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य होगा कि महाकुंभ की पवित्र बेला में संन्यास लिया। मैंने 23 वर्ष पहले अपने गुरु श्री चैतन्य गगन गिरि से खोपोली आश्रम में दीक्षा ली थी। अब पूरी तरह से संन्यासिनी बन गई हूं।
पिंडदान करने के बारे में कहा, ये महादेव और महाकाली का आदेश था। मेरे गुरु का आदेश था। आज का दिन उन्होंने चुना। मैंने कुछ नहीं किया। यह ऊपर वाले और गुरु की कृपा से संभव हुआ है। मैंने संन्यासिनी के रूप में नए जीवन में प्रवेश किया है। समर्पित भाव से किन्नर, सनातन धर्म और महिलाओं के हित में काम करूंगी।

कौन हैं ममता कुलकर्णी?
भारतीय सिनेमा में फिल्म तिरंगा (1992) से अपने करियर की शुरुआत करने वाली ममता कुलकर्णी एक फेमस अभिनेत्री और मॉडल रह चुकी हैं। ममता कुलकर्णी का जन्म मराठी ब्राह्मण परिवार में 20 अप्रैल 1972 को मुंबई में हुआ था


ममता कुलकर्णी को 1993 में फिल्म आशिक आवारा के लिए फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला था। इसके अलावा, ममता कुलकर्णी सबसे बड़ा खिलाड़ी, करन-अर्जुन, वक्त है हमारा और बाजी आदि फिल्मों के लिए भी जाना जाता है।
कुलकर्णी ने 2002 में बॉलीवुड इंडस्ट्री से नाता तोड़ लिया था। इसके बाद ममता कुलकर्णी दोबारा 2016 में चर्चा में आई, जब पुलिस ने ममता का नाम ड्रग्स की अवैध सप्लाई के मामले में शामिल बताया।

साल 2013 में किताब का किया था विमोचन

पूर्व अभिनेत्री ने साल 2013 में अपनी किताब ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ एन योगिनी’ का भी विमोचन किया था। यहां उन्होंने बॉलीवुड से अपनी विदाई का कारण बताते हुए कहा था कि कुछ लोगों का जन्म दुनिया में कामों के लिए होता है और कुछ लोगों का जन्म ईश्वर की साधना के लिए होता है। मैंने ईश्वर की राह चुनी है।

ढाई दशक विदेश में व्यतीत किए

ममता कुलकर्णी वर्ष 2000 में भारत छोड़ विदेश में बस गईं थीं। उन्होंने 2024 में एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था, जहां उन्होंने बताया था कि वह भारत आकर भावुक महसूस कर रही हैं और इतने वर्षों में काफी कुछ बदल गया है।
वीडियो में उन्होंने कहा था कि जब फ्लाइट ने लैंड किया तो मैं भावुक हो गई थी, मैं 24 सालों के बाद अपने देश को देख रही थी, जब मैंने मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बाहर कदम रखा तो मैं फिर भावुक हो गई थी। चर्चा है कि वह इतने वर्षों तक अमेरिका में रहीं। हालांकि, उन्होंने खुद कभी किसी देश में रहने की पुष्टि नहीं की है।