विवाह में पाणिग्रहण संस्कार का महत्व क्या है?

सनातन धर्म में 16 संस्कार होते हैं जिनको बहुत महत्व दिया गया है। ये सोलह संस्कार एक मनुष्य के जीवन में भी बहुत महत्व रखते हैं। इन्हीं में से एक संस्कार है विवाह (पाणिग्रहण) संस्कार। ये संस्कार हर मनुष्य के जीवन में विशेष महत्व रखता है। विवाह संस्कार दो शब्दों वि और वाह से मिलकर […]

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सनातन धर्म क्या है ?

सनातन धर्म सबसे पुराना धार्मिक दर्शनशास्त्र है और यह मूल्यों, कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का वर्णन करता है जो ब्रह्मांड के निर्माता ने प्रतिष्ठापित की हैं। इनका पालन सभी को, जीवित या निर्जीव, मनुष्य को भी, करना है। सनातन धर्म के शास्त्र ‘वेद’ विश्व के सबसे पुराने लिखित ग्रंथ हैं जो कम से कम 7500 ईसा […]

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महाकुंभ 2025 में फ़िल्म इंडस्ट्री छोड़कर ममता कुलकर्णी ने ली दीक्षा, किन्नर अखाड़ा ने पट्‌टाभिषेक कर बनाया महामंडलेश्वर

प्रयागराज। बॉलीवुड अभिनेत्री रहीं ममता कुलकर्णी को अब किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने अपने संन्यासी जीवन की शुरुआत संगम के तट पर बसे 45 दिनों के अलौकिक संसार ‘महाकुंभ’ से की है। शुक्रवार को ममता कुलकर्णी प्रयागराज पहुंची, उन्होंने अपना पिंडदान किया और संन्यास की दीक्षा ली। अब वह यामाई […]

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तीक्ष्ण मेधा वाले स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद मेरठ में अपने शिष्यों के साथ थे। उसी दौरान स्वामी अखंडानंद भी वहां आए। वहां पास में एक लाइब्रेरी थी। उस लाइब्रेरी से स्वामी विवेकानंद ने एक किताबें लाने के लिए कहा था। इसके बाद अखंडानंद ने बैंकर, दार्शनिक और राजनीतिज्ञ ‘सर जॉन लबॉक’ की वो किताब लेकर जिसके कई पार्ट थे।ये किताब […]

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नागा संन्यासी के रूप में जीवन: तपस्वी मार्ग अपनाना

नागा संन्यासी, जो अपने गहन आध्यात्मिक अनुशासन के लिए पूजनीय हैं, कठोर नियमों का पालन करते हैं, जिसके लिए अटूट प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। इस तपस्वी जीवनशैली को अपनाने के बाद, वे तपस्या और सांसारिक जीवन से विरक्ति से चिह्नित मार्ग को अपनाते हैं। नागा संन्यासी होने के मूल सिद्धांतों में से एक आजीवन […]

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कुंभ के बाद कहां जाते हैं नागा साधु?

हिंदू आध्यात्मिकता के तपस्वी योद्धा नागा साधु कुंभ मेले के दौरान एक रहस्यमय और आकर्षक दृश्य होते हैं, जहां वे बड़ी संख्या में एकत्रित होते हैं, जो भक्तों और पर्यटकों का ध्यान समान रूप से आकर्षित करते हैं. हालांकि, ये रहस्यमयी आकृतियां उत्सव समाप्त होने के बाद सार्वजनिक जीवन से गायब हो जाती हैं, जिससे […]

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भारतीय अध्यात्म के प्रतीक स्वामी विवेकानंद

आधुनिक सदी में भारतीय अध्यात्म के प्रतीक एवं रामकृष्ण परमहंस के शिष्य रहे नरेन्द्रनाथ दत्त का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता में हुआ। वे कालांतर में स्वामी विवेकानंद के नाम से प्रख्यात हुए। नरेन्द्रनाथ ने 1879 में एंट्रेंस परीक्षा पास की और वे प्रेसीडेंसी कॉलेज कोलकाता से 1884 में बी.ए. हुए। उन्होंने कानून की […]

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Jyotish

मूलांक और भाग्यांक में क्या अंतर होता है

अंक ज्योतिष से जाने भाग्य अंक शास्त्र में बहुत सारी विधाएं है जिससे आप अपने भविष्य के बारे में जान सकते हैं. अंक शास्त्र के अंदर आता है मूलांक और भाग्यांक क्या हैं दोनों , दोनों में क्या अंतर है, आइये जानते हैं किसे कहते हैं मूलांक और किसे कहते हैं भाग्यांक! भाग्यांक- भाग्यांक का […]

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सुनी हो गई भट्टयाँण, नर्मदालीन हुए ‘संत सियाराम’

सियाराम मय तैली भट्याण ● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्यप्रदेश के खरगोन जिले की कसरावद तहसील में एक छोटा-सा गाँव है तैली भट्यांण। वैसे तो यह गाँव नर्मदा के तट पर प्राकृतिक सौंदर्य से आह्लादित है किन्तु इस गाँव की प्रसिद्धि देश-विदेश में होने का महत्त्वपूर्ण और एकमात्र कारण हैं संत सियाराम बाबा।कुछ 60-70 वर्ष […]

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महाराष्ट्र की शान ‘पंढरपुर उत्सव’

यह महाराष्ट्र का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव है पांडुरंग विष्णु तथा शिव का एकरूप है, इसीलिए यह तीर्थक्षेत्र महान माना जाता है। इसे दक्षिण काशी भी कहा जाता है। भक्तगण इस प्रेम से भू -बैकुंठ अर्थात पृथ्वी पर श्री हरि विष्णु भगवान के निवास का स्थान कहते हैं। प्रत्येक वर्ष पंढरपुर में देवशयनी ग्यारस या […]

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